उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य चल रहा है जिसमे बहत से पहाड़ रास्ते में है इन पहाड़ों में टनल का निर्माण कार्य चल रहा है जिसका लगभग 90 फीसद कार्य पूर्ण हो चुका है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण दीपावली के दिन साम को जब मजदूर काम करके वापस आ रहे थे तभी अचानक भूस्खलन हो गया जिससे 41 मजदूर पिछले 17 दिनों से इस टनल में फस गए थे उनको बाहर निकलने का कार्य चल रहा था खुशी की बात यह है की बड़े ही मशक्कत उनको बाहर निकल लिया गया है इस रेस्क्यू ऑपरेशन में आंगर मशीन का बहत विशेष योगदान रहा पहले तो इस मशीन से छैतीज खुदाई का कार्य चल रहा था लेकिन आंगार मशीन के रास्ते में सरिया से जा टकराया और उसके ब्लेड टूट गया। उसके बाद अब वर्टिकल भी खुदाई किया गया आपको बता दे की अब इस प्रक्रिया में सिर्फ 5 मीटर ही शेष कार्य बाकी था जिसको मैनुअली हाथ से किया जा रहा था 17 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकल लिया गया है और उनको नजदीकी स्वास्थ्य कैंप में ले जाया गया और उनकी स्वास्थ्य संबंधी जांच की गई ।
एक्सप्रेस वे निर्माण जगह और लोकेशन
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में यमुनोत्री एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य चल रहा है जिसमे 4.5 किलो मीटर लंबी सुरंग बन रही है जो सिलक्योर से बड़कोट तक जिसकी लंबाई 4.5 km हैं जिसमे सिर्फ 500 मीटर ही शेष कार्य बाकी था राज्य सरकार एक – एक लाख रुपया सभी मजदूरों को देगीउत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुस्कर सिंह शामिल सभी मजदूरों से बात किए फोन पर और उन्हें उत्तराखंड राज्य सरकार की ओर से एक ₹100000 की रकम भी दी जाएगी। उन्हें 1 महीने की अवकाश और साथ में वेतन भी दिया जाएगा जिससे वह अपने परिवार वालों से मिल सके साथ ही पीएम मोदी ने फोन पर सभी मजदूरों से बात की है और स्थिति का जायजा लिया सभी मजदूरों का स्वास्थ्य चेकअप हुआ जिसमें सभी मजदूर स्वस्थ पाए गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताई
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मजदूर को सुरक्षित बाहर निकल जाने पर बहत खुशी जाहिर किए उन्होंने कहा की हमारे श्रमिक भाइयों की रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है टनल में जो भी साथी फंसे हुए थे हम उनसे कहना चाहते हैं कि आप इस धैर्य और साहस हर किसी को प्रेरित कर रहा है मैं आप सभी का उत्तम और कुशल स्वास्थ्य की कामना करता हूं यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद यह सभी साथी अपने प्रिय जनों से मिलेंगे । इन सभी के परिजनों ने भी जो चुनौती पूर्ण समय में साहस और स्वयं का परिचय दिया वह अन्यंत ही सराहनीय है मै इस बचाव कार्य में जुड़े सभी लोगो के जज्बे को सलाम करता हु उनकी बहादुरी और संकल्प शक्ति ने हमारे श्रीमिको भाइयों को नई जीवन दिया है इस मिशन में सामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम किया है
टनल से हॉस्पिटल तक ग्रीन कोरिडोर
टनल से 30 – 35 किलो मीटर दूर चिन्यालीसौड़ जगह पर 41 बेड का हॉस्पिटल बनाया गया है टनल से चिन्यालीसौड़ रोड को ग्रीन रोड घोषित किया गया था जैसे ही मजदूरों को टनल से बाहर निकाला गया उसके बाद तुरंत ही एंबुलेंस में बैठकर उनको चिन्यालीसौड़ हॉस्पिटल ले जाया गया और उनकी हेल्थ चेकअप किया गया जिसमे सभी लोग नॉर्मल पाए गए।
21 घंटो में ताबड़तोड़ 12 मीटर की खुदाई
लगातार कड़ी मेहनत के बाद रैट माइनर ने 21 घंटो में 12 मीटर की खुदाई करने में सफलता हासिल की है सिल्क्यारा साइड से हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग में रैट माइनर 17वे और लास्ट दिन 1:20 मिनट्स में खुदाई पूरी करके पाइप से बाहर निकले, 24 नवंबर को मजदूरों की लोकेशन से केवल 12 मीटर पहले ड्रिलिंग मशीन की ब्लेड टूट जाने के कारण रैट माइनर की हेल्प लिया गया 28 नवंबर मंगलवार को श्रमिको के परिजनों के चहरे पर तब खुशी नजर आए जब अफसरों ने उनसे कहा की जल्द ही खुशी मिलने वाली है उनके बैग और कपड़े तैयार रखियेगा।
रैट माइनर की अहम भुनिका
रैट माइनर का पूर्ण अर्थ है एक पतली से होल में चूहे की तरह घुसकर खुदाई करना, इस तकनीक का इस्तेमाल खासकर कोयले की खदान में प्रमुख रूप से किया जाता है 800 mm की पाइप घुसकर मलबे की खुदाई किए एक बार में लगभग 2.5 क्विंटल मलबा लेकर बाहर आते थे इस प्रकार उन्होंने कड़ी मशक्कत के बाद यह कार्य संपन्न किया और 41 जिंदगिया की रेस्क्यू सफलता पूर्वक कर लिया गया।