पुरुषोत्तम राम: भक्ति और साधना का प्रेरणा स्रोत

अयोध्या- भगवान राम की पवित्र धरती Ayodhya Ram Janmbhumi

अयोध्या उत्तर प्रदेश के सरयू नदी के किनारे स्थित एक प्राचीन नगर है जो हिंदू धर्म के इतिहास में विशेष स्थान रखता है यहां स्थित भगवान राम का जन्म स्थान होने के कारण अयोध्या सदियों से एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में जाना जाता है।

अयोध्या न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि यह एक प्राकृतिक सौंदर्य से भी युक्त है सरयू नदी का सुंदरता और प्राकृतिक सौंदर्य अयोध्या को एक आध्यात्मिक स्थान बनता है।

पर्यटन आत्मा को अस्पर्स करने का स्थान :-

अयोध्या को भ्रमण करना एक आत्मिक अनुभव है यहां आने वाले पर्यटक न केवल भगवान राम जी का दर्शन करते हैं बल्कि वे यहां के प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक वातावरण से भी प्रभावित होते हैं यहां के मंदिरों घाटों और ऐतिहासिक स्थान का आदर्श यात्रा स्थलों में एक विशेष महत्व है।

आइए आज हम जानते हैं अयोध्या के प्रमुख पर्यटन स्थल

दीपोत्सव : प्रकाश का महोत्सव Deepotsav : Festive Of Light

भारतीय संस्कृति कैलेंडर में आगामी नवंबर महीने में आने वाला दीपोत्सव या दीपो का उत्सव जिसे दीपावली भी कहा जाता है एक अत्यंत प्रमुख का त्यौहार है जिसे विभिन्न भागों में अलग-अलग रूपों में मनाया जाता है इस महापर्व की एक विशेषता अयोध्या में है जहां दीपोत्सव को विशेष रूप से मनाया जाता है और यहां दीपोत्सव अपनी अद्वितीयता के लिए प्रसिद्ध है।
अयोध्या जीसे भगवान राम के जन्म स्थान के रूप में जाना जाता है यहां दीपोत्सव भारतीय सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है और यहां की सामूहिक भक्ति और धार्मिक अनुष्ठान का प्रतीक है यहां का दीपोत्सव सभी सांस्कृतिक आयामों को समाहित करता है और लोगों को एक साथ आने के लिए प्रेरित करता है।

दीपोत्सव का महत्व Importance Of Deepotsav

जब भगवान श्री राम माता सीता और लक्ष्मण जी बनवास के 14 वर्ष पूरा करने और लंका पर विजय प्राप्त करने के पश्चात अयोध्या वापस आने पर उनका भव्य स्वागत किया गया और पूरे अयोध्या में दीप जलाया गया, इस प्रकार यह परंपरा के रूप में हर साल मनाया जाने लगा।

रामनवमी मेला Ram Nawmi Mela

रामनवमी भगवान राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाने वाला हिंदी त्यौहार है, जो पूरे भारतवर्ष में अप्रैल माह में धूमधाम से मनाया जाता है यह त्यौहार विशेष कर अयोध्या में भगवान राम के जन्म स्थल पर एक महोत्सव मेला के रूप में मनाया जाता है जिस रामनवमी मेला कहा जाता है।

रामनवमी मेला यहां की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता का प्रतीक है इस मेले में लाखों श्रद्धालु आसपास के गांवों और शहरों से आकर इस पवित्र स्थल पर भगवान राम के जन्मदिन की खुशी में शांति और समृद्धि का कामना करते हैं।

यह मेला अयोध्या के प्रमुख स्थलों में होता है जो सबसे महत्वपूर्ण अयोध्या के राज दरबार और भगवान राम के जन्म स्थल को समाहित करते हैं, इस मेले में अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं जैसे कि भगवान राम की भक्ति संत सम्मेलन प्रवचन इत्यादि। इस दौरान भक्तों को मंदिरों में पूजा अर्चना करने का अवसर मिलता है रामलीला इस मेला का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जिसे भक्तजन इस कार्यक्रम का आनंद लेते हैं।

श्रावण झूला मेला Shrawan Jhula Mela

श्रावण झूला मेला एक प्रमुख हिंदू त्यौहार है जो अमावस्या से लेकर रक्षाबंधन तक मनाया जाता है, यह मेला अगस्त महीने में अयोध्या में विशेष रूप से आयोजित होता है यह अयोध्या के भगवान राम के जन्म स्थान होने और उनके भक्तों के बीच एक सांस्कृतिक और धार्मिक जुड़ाव होने के कारण महत्वपूर्ण है।
मेले में आए प्रमुख श्रद्धालु भगवान राम की पूजा और उनकी मूर्तियों को स्थापित किया जाता है और झूलों को सजाकर भगवान की मूर्तियों को घुला घुलाया जाता है, उनके चरणों में पुष्प और प्रसाद चढ़ाया जाता है,

अयोध्या का श्रावण झूला मेला भारतीय संस्कृति विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यहां स्थानीय लोगों के बीच एक मित्रता और आत्म विश्वास का माहौल बना रहता है, इसके अलावा यह मेला पर्यावरण और स्थानीय विकास के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाने का एक माध्यम के रूप में जाना जाता है।

अयोध्या में राम लीला : Ram Lila At Ayodhya


अयोध्या, भगवान राम की नगरी जहां हर कोने से राम की कहानी सुनी जाती है, वहां हर वर्ष एक अद्वितीय संगीत की सबसे महत्वपूर्ण घटना होती है “रामलीला”। रामलीला एक ऐसा सांस्कृतिक उत्सव है, जो भगवान राम के जीवन के महत्वपूर्ण घटनाओं को प्रस्तुत करता है यह उत्सव एक शानदार संगीत, नृत्य, रंग बिरंगी भव्यता, के साथ मनाया जाता है जिससे स्थानीय लोग और आगंतुक एक साथ एक अद्वितीय संस्कृत संवाद का आनंद उठाते हैं।


इस साल का राम लीला इसलिए और खास बन जाता है क्योंकि इस बार तकनीक की उन्नति के साथ घटना वाचक को एक नए रूप में जोड़ने का प्रयास किया गया, जिसमें लाइव स्ट्रीमिंग और वर्चुअल रियलिटी का सहारा लिया गया।

इस नया दृष्टिकोण लोगों को प्रभु श्रीराम की कहानी को और रोचक तरीके से अनुभव करने का अवसर प्रदान होता है। इस प्रकार डिजिटल युग में हमने तकनीकी साधनों का सही इस्तेमाल करके प्रभु श्रीराम की कहानी को एक नए दरबार में पहुंचाने का प्रयास किया। और लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से हम विशेषज्ञ पंडितों और कलाकारों के साथ आपको रामायण की अदिति पलों में ले जाएंगे।


रामलीला का आयोजन एक नई दिशा में हुआ है जहां वर्चुअल रियलिटी के माध्यम से अपने आत्मा को राम की ध्यान में ला सकते हैं, इसमें एक नया तात्कालिक तरीका है जिससे आप अपने घर से ही यह महत्वपूर्ण अद्वितीयता महसूस कर सकते हैं। यह संगीत, नृत्य और कला का महाकुंभ है जो भगवान श्री राम के भक्तों को एक साथ लगातार बांधता है ।

इस प्रकार हम आपको भगवान श्री राम के आत्मा को छूने की अनूठी अनुभूति देने का प्रयास कर रहे हैं, इस दिव्य अवसर पर हम सभी मिलकर प्रभु श्री राम के महत्वपूर्ण संदेशों को अपने जीवन में अपना सकते हैं और उन्हें अपनी आदतों में समाहित कर सकते हैं।


यह सांस्कृतिक महोत्सव हमें सामूहिक एकता प्रेम और सच्ची श्रद्धांजलि का आत्म विकास करने में एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। इस अद्वितीय अनुभव को साझा करने के लिए हम आप सभी को आमंत्रित करते हैं लिए सभी मिलकर प्रभु श्री राम की लीला की इस नए यात्रा में शामिल हो और भगवान राम की कथा का आनंद लेते है।

प्रभु श्रीराम की परिक्रमा:- “राम परिक्रमा” “The Pilgrimage Of Lord Shri Ram: Ram Parikrama”

भगवान श्री राम की परिक्रमाओं में एक अद्वितीय और पवित्र अनुभूति छिपी होती है। यहां प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली “राम परिक्रमा” भक्तों को भगवान की विभिन्न तीर्थ स्थलों और उन्हें धार्मिक आनंद का अनुभव करने का अवसर प्रदान करती है। यह एक सांस्कृतिक और धार्मिक साहित्य का अमूर्त श्रोत है जो भक्तों को आत्मा की शांति और परम शक्ति की दिशा में मार्गदर्शन करता है।


राम परिक्रमा भगवान श्री राम की भक्ति में लीनहोने वाले वाले व्यक्तियों को एक साथ जोड़ती है और उन्हें एक साधुता और सामूहिक भक्ति की भावना में लीन करती है। इस परिक्रमा का आयोजन भक्तों को भगवान राम की सानिध्य में पहुंचने का एक अद्वितीय और सुगम मध्यम प्रदान करता है जिससे वह अपने आत्मा की आध्यात्मिक साक्षात्कार की ओर बढ़ सकते हैं।

अनंतग्रही परिक्रमा : प्रभु श्रीराम Infinite pilgrimage: Lord Shri Ram

प्रभु श्री राम का “अनंतग्रही परिक्रमा” इसकी जानकारी श्रीरामचरित्र मानस के माध्यम से प्राप्त होती है जो भारतीय साहित्य का एक अमूल्य रत्न है।

इसमें प्रभु श्री राम, सीता जी के साथ अयोध्या से लंका तक की कई भूमिका में अपने भक्तों की सेवा करते हैं। इस प्रक्रिया में वे न केवल भूमि को पवित्र बनाते हैं बल्कि एक असुरी शक्ति को भी शांति का समर्थ दिखाते हैं। अनंतग्राही परिक्रमा में भगवान श्री राम धरती पर संसार के हर कोने को अपनी विशेषता से सर्वोत्तम बना लेते हैं।

उनकी एक नजर से गीता के तत्वों को समझा जा सकता है जो हमें यह दिखाते हैं कि कर्म योग, भक्ति योग, और ज्ञान योग के माध्यम से हम अपने जीवन को कैसे महत्वपूर्ण बना सकते हैं, यह परिक्रमा हमें याद दिलाती है कि सच्चे धर्म का अर्थ है – सभी के साथ अच्छे व्यवहार करना अपने परिवार और समाज के प्रति कर्तव्यनिष्ठा रहना और अन्य लोगो के लिए नेक कर्म करना।

इस परिक्रमा का सीधा संदेश है – एक संजीव धरोहर के रूप में हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए, और अपने जीवन में नेक कर्मों का मार्ग पथ प्रदर्शित करना चाहिए, भगवान श्री राम की अनंतग्रही परिक्रमा हमें यह शिक्षा देती है कि जीवन का सर्वोत्तम उद्देश्य सभी का हितकारी होना चाहिए।

किस अद्वितीय यात्रा की गहरी भावना को समझना हम सभी के लिए आवश्यक है, भगवान श्री राम के पवित्र चरित्र को समझ कर ही हम अपने जीवन को एक सकारात्मक दिशा में मोड सकते हैं और अपने आसपास के लोगों के साथ उदारीकरण की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।

इस अद्वितीय यात्रा के माध्यम से हम सभी को यह सिखाने का अवसर मिलता है कि जीवन का मतलब है – सहानुभूति, प्रेम और सभी को समर्पित होना। इस पवित्र यात्रा की आदर्श दृष्टि से, हम सभी लोग एक बेहतर और समृद्ध युक्त समाज की दिशा में कम से कदम मिलाकर चल सकते हैं। इस पवित्र परिक्रमा के अनुसार हम सभी को एक साथ मिलकर चलना चाहिए, ताकि हम सभी मिलकर अपने आत्मा को पवित्र बना सके और एक नए युग की शुरुआत कर सके।

इस अद्वितीय परिक्रमा के माध्यम से हम सभी एक बेहतर और संजीव भविष्य की दिशा में कम से कदम मिलाकर चलने के लिए प्रेरित हो सकते हैं , आशा है कि हम सभी इस पवित्र यात्रा के माध्यम से प्रभु श्री राम के उज्जवल संदेश को अपने दिल में समेटेंगे और एक सशक्त, समृद्धि युक्त भविष्य की दिशा में कम से कदम मिलाकर चलेंगे।

पंचकोसी परिक्रमा : भगवान श्रीराम Panchkosi Parikrama: Lord Shri Ram


यह विशेष परिक्रमा हमें प्रभु श्री राम के प्रति भक्ति और निष्ठा का जानकारी देता है जिसमें उन्होंने अपने चारों कोषों को समर्थन देते हुए एक आदित्य यात्रा की शुरुआत किए थे।

पंचकोसी परिक्रमा भगवान राम की विरासत और उनकी भक्ति में एक अद्भुत पहलू है, इस परिक्रमा में भगवान राम ने अपने श्रद्धालु भक्तों को एक अनूठा संदेश दिया। जीवन को एक पूर्णता की ओर ले जाने के लिए आत्मा, प्राण, मन, बुद्धि, अहंकार, के पंचकोषों का संवाद करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

पंचकोसी परिक्रमा का प्रारंभ अयोध्या से होता है जहां भगवान राम, माता सीता और भैया लक्ष्मण जी ने अपने पारिवारिक जीवन की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने चित्रकूट, पंचवटी, नंदीग्राम और चित्रकूट जैसी अनेक पवित्र स्थान का दौरा किया जहां उन्होंने अपने भक्तों जीवन का मार्गदर्शन किया।

पंचकोसी परिक्रमा के दौरान भगवान राम ने हमें एक अद्वितीय सीख दी है अगर हम अपने जीवन को सवारना चाहते हैं तो हमें अपने सभी कोषों के साथ समर्थन में रहना चाहिए। एक शक्तिशाली और संतुलित जीवन के लिए हमें अपने शारीरिक, मानसिक, आत्मक, बुद्धिजीवी, और आत्मा को समर्पण करना चाहिए।
भगवान श्री राम का यह प्रयास हमें यह बताता है कि जीवन को सही दिशा में बदलने के लिए हमें अपनी आत्मा के साथ संवाद करना चाहिए, पंचकोसी परिक्रमा ने हमें यह सिखाया की जीवन का असली अर्थ व्यक्ति को समृद्धि, शांति, और आत्मा की पूर्णतः की ओर ले जाना है।


इस पंचकोसी परिक्रमा की यात्रा में हम सभी को यह सीखने का अवसर मिलता है कि भगवान राम का मार्गदर्शन करके अपने जीवन को संजीव, सच्चा, और प्रेरणादायक बना सकते हैं ।
हमें भी अपने जीवन को एक नए दृष्टिकोण से देखने का साहस करना चाहिए और भगवान राम की या अद्वितीय परिक्रमा को अपने जीवन में अपनाने का प्रयास करना चाहिए।

चतुर्दशकोशी परिक्रमा : प्रभु श्रीराम Chaturdashkoshi Parikrama: Prabhu Shri Ram

प्रभु श्री राम की वीरता, धर्मपरायणता और उनकी उदारता के कारण वे हमारे आदर्श पुरुष माने जाते हैं। भगवान राम की चतुर्दशकोशी परिक्रमा जिन्हें हम रामचरितमानस से जानते हैं उनमें से एक महत्वपूर्ण घटना है।
इस परिक्रमा में प्रभु श्री राम जी के द्वारा अपने पुत्र लव से पुनर्मिलन के लिए की गई एक अद्भुत यात्रा है, इस यात्रा में भगवान ने अपने चारों ओर के क्षेत्र को घेरा और उन्होंने इसमें बहुतंत्र सिखाया, यह परिक्रमा एक पूर्ण चक्रवर्ती मार्ग है जो अयोध्या से शुरू होकर वही पर पूरा होता है।

इस यात्रा के दौरान भगवान राम ने अनेक पवित्र स्थान का दर्शन किया और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया इसमें अयोध्या, चित्रकूट, काशी, प्रयाग, नैमिषारण्य, और अखंडला शाहिद कोई तीर्थ स्थान की यात्रा शामिल है। इस परिक्रमा का मुख्य उद्देश्य था पुत्र लव के साथ मिलकर धर्म और दर्शन करना, जिससे भगवान राम ने एक प्रेरणा से भरा संदेश दिया कि, किसी भी स्थिति में धर्म का पालन करना आवश्यक है।

भगवान राम की यह परिक्रमा हमें यह सिखाता है कि जीवन का सफर धार्मिकता, न्याय और मानवता की मार्ग पर चलकर ही सही होता है । यह एक यात्रा नहीं बल्कि अद्भुत सीख देने वाली अनुभव है जिससे हम सभी अपने जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।

इस परिक्रमा की अनुभूति से हमें यह सीखने को मिलता है कि भगवान राम ने अपने जीवन में न्याय, धर्म, और करुणा के सिद्धांतों का पालन किया और हमें भी इसी प्रकार के मूल्य को अपनाकर आगे बढ़ना चाहिए। इस यात्रा की बाते हमें एक जीवन दर्शन प्रदान करती है और हमें यह याद दिलाती है कि धर्मपरायण जीवन ही सच्चे संतुष्टि और शांति की कुंजी है।

इस परिक्रमा की कहानी हमें यह बताती है कि सच्चे मार्ग पर चलने से ही हम अपने लक्ष्यो को प्राप्त कर सकते हैं और अच्छे मार्ग पर चलने से ही हम अपने जीवन को समर्थ बना सकते हैं।

इस यात्रा का सारांश है- धर्म का पालन करो, न्याय पूर्ण रहो, और सभी के प्रति दया भाव बनाए रखो।

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