हम संविधान दिवस क्यों मनाते है ?
वर्ष 2015 में संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर जी की 125 वी जयंती के शुभ अवसर पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने वर्तमान भारतीय जनता पार्टी सरकार के निर्णय संविधान दिवस के रूप में मानने के फैसले को अधिसूचित किया की प्रत्येक साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जायेगा तब से हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है।
इस संविधान दिवस पर हमे प्रण लेना चाहिए की हमे संविधान के मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों को दृढ़ता से पालन करना है देश के एक अच्छा और जिम्मेदार नागरिक होने से सविधान का मकसद पूरा होगा, आज देश के बहुत बड़े तबके का जीवन स्तर अफ्रीका जैसे गरीब देश से भी खराब है उसे भोजन, स्वास्थ्य सुविधा,वस्त्र, जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है दोस्तो हमे ऐसे लोगो की जरूर सहायता करनी चाहिए।
भारतीय संविधान परिचय
हमारा संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है इसके प्रमुख हिस्से विश्व के कई देशों से लिया गया है जैसे – सयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, आयरलैंड, यूनेडेट किंगटम, जर्मनी, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, इसमें देश के नागरिकों के मौलिको अधिकारी और कर्तव्यों, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, न्यायधिस, देश के प्रमुख मंत्रियों, सरकार की भूमिका की शक्तियों का वर्णन किया गया है। न्यायपालिका, विधानपालिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका के प्रमुख कार्यों का वर्णन किया गया है।
संविधान दिवस क्यों मनाते है ?
संविधान सभा द्वारा हमारे संविधान को 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत किया गया था वर्तमान सरकार ने डा भीमराव अंबेडकर की 125 जयंती पर 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मानने का फैसला किया तब से प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में देश के नागरिकों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है
भारत का संविधान लिखने वाला कौन है ?
भारतीय संविधान के प्रारूप समिति का अध्यक्ष डाक्टर भीम राव अंबेडकर ने संविधान का प्रारूप प्रस्तुत किया, संविधान सभा 6 दिसंबर 1946 जिसके तहत संविधान निर्माण समिति का गठन हुआ जिसे ड्राफ्ट कमेटी के नाम से भी जाना जाता है इस कमेटी का मुख्य कार्य था संविधान का विधिपूर्वक निर्माण करना, प्रारूप समिति में अध्यक्ष सहित 7 सदस्यो का नियुक्ति किया गया।
संविधान सभा की प्रमुख समितियां कौन कौन सी है ?
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संविधान सभा ने संविधान निर्माण के लिए कुल 22 समितियों की गढ़न किया था जिसमे 8 समितियां मुख्य थी। मसौदा समिति, सलाहकार समिति, प्रांतीय संविधान समिति, मौलिक अधिकार उपसमिति, अल्पसंख्यक उपसमिति, राज्य समिति, संघ शक्ति समिति, संघ संविधान समिति, इत्यादि प्रमुख समितियों का गठन किया गया था।