अटल बिहारी बाजपेई ने किससे कहा “दहेज में पूरा पाकिस्तान चाहिए”

अटल बिहारी वाजपेई जी भारतीय राजनीति के एक मात्र ऐसे राजनेता थे जिन्हें विपक्ष भी सलाम करता था आज अटल बिहारी वाजपेई जी का 99 वी जयंती है अटल बिहारी वाजपेई जी का जन्म आज ही के दिन 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में हुआ था

भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी का आज 99 जयंती है इस मौके पर पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है और उनको याद करते हुए सभी की आंखें नम हो जा रही है, आपको बता दे कि इस साल अटल जी की 99 जयंती और अगले साल 2024 उनकी जयंती का सेंचुरी लगने वाला है

अटल जी की 99वी जयंती के शुभ अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी अपने पूर्व प्रधान मंत्री को पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए स्वयं अटल स्मारक पहुंचे हैं, साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे।

अटल बिहारी वाजपेई जी का सेंस इतना अच्छा था कि सामने वाले का बोलती बंद कर देते थे, अटल जी राजनेता के साथ ही पत्रकार और कवि के रूप में भी महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं अटल जी का जीवन बहुत ही संघर्षों से भरा रहा है जिसे उन्होंने अपने कविताओं और विचारों में बहुत ही स्पष्ट अक्षरों में बयां किए हैं

उनकी 99 जयंती के शुभ अवसर पर लिए हम उनके विचारों में जानते हैं जो वह उन्हें हमेशा उन्हें अमर रखेगी

अटल बिहारी वाजपेई जी के विचार Atal Bihari Vajpayee quots in hindi

आइए आज उनकी 99 जयंती के शुभ अवसर पर उनके विचारों के बारे में जानते हैं

” सूर्य एक सत्य है जिसे झूठ लाया नहीं जा सकता, लेकिन उसकी बिंदु भी तो एक सच्चाई है, यह बात अलग है कि यह दक्षिण है”।

अटल जी की एक अमर वाक्य में यह भी है कि “हिंसा किसी भी चीज में योगदान नहीं देती है”
आगे भी कहते हैं आगे भी कहते हैं

“मुझे स्वदेश प्रेम, जीवन दर्शन, प्रकृति तथा मधुर भाव की कविताएं बाल्यावस्था से ही आकर्षित करती आ रही है”।

आगे की पंक्ति में इस प्रकार कहते हैं कि “अमावस के अभेद्द अंधकार का अंतरण पूर्णिमा की उज्ज्वलता का स्मरण कर थर्रा उठता है “।

उनका एक ही वाक्य बहुत ही प्रसिद्ध है “हमारी माटी में आदर्श की कमी नहीं है, शिक्षा द्वारा ही हम नवयुवकों में राष्ट्र प्रेम की भावना जागृत कर सकते हैं”।

आगे भी शिक्षा के बारे में कुछ इस प्रकार से कहते हैं कि “शिक्षा का माध्यम मातृभाषा होनी चाहिए ऊंची से ऊंची शिक्षा मातृभाषा के माध्यम से दी जानी चाहिए”।

आगे बाद देश का साहस बढ़ाते हुए कहते हैं कि “हमारा लक्ष्य अनंत आकाश जितना ऊंचा हो सकता है, लेकिन हमारे मन में एक दूसरे का हाथ थाम कर आगे बढ़ने का संकल्प लेना चाहिए क्योंकि जीत हमारी ही होगी”

आगे वह इंसानियत के लिए कहते हैं कि “इंसान बनो केवल नाम से नही, रूप से नहीं, शक्ल से नहीं, बल्कि हृदय से बुद्धि से ज्ञान से बानो”

आगे की लाइन में वह बोलते हैं ” जीवन को टुकड़ों में नहीं बाटा जा सकता उसका ‘ पूर्णता’ में ही विचार किया जाना चाहिए”।

अटल जी पूरे पाकिस्तान को दहेज में मांग लिए

रिपोर्ट के मुताबिक 16 मार्च 1999 के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई पाकिस्तान दौरे पर गए थे गवर्नर हाउस में प्रेस कांफ्रेंस करने के बाद एक महिला पत्रकार ने उनसे एक ऐसा सवाल पूछ दिया जिसको सुनकर वहां बैठे सभी लोगों में सन्नाटा छा गया।
दरअसल उसे महिला ने मुंह दिखाई में कश्मीर मांगा था, वे महिला पत्रकार बोली कि अटल जी आप भी अविवाहित है मैं आपके सामने शादी का प्रस्ताव रखती हूं लेकिन मेरी एक शर्त है कि मैं आपसे शादी करूंगी तो मुझे मुंह दिखाई में कश्मीर चाहिए।

इस पर वहां बैठे सभी लोग हंसने लगे यह सुनकर अटल जी थोड़ी देर बाद हंसते हुए बोले, ठीक है मैं भी आपसे शादी करने के लिए तैयार हूं लेकिन मेरा भी एक शर्त है कि मुझे दहेज में पूरा पाकिस्तान चाहिए अटल जी की इस जवाब को सुनकर वहां बैठे सभी लोग हंसने लगे और इस प्रकार अगले दिन या खबर मीडिया में खूब चर्चा में रहा।

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